नई दिल्ली, 16 मई 2025: भारत ने चिप-आधारित बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट शुरू करके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है, और इसके साथ ही वह 120 से अधिक देशों की सूची में शामिल हो गया है जो अत्याधुनिक यात्रा दस्तावेज तकनीक का उपयोग करते हैं।
पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 के तहत शुरू किए गए नए ई-पासपोर्ट में एक एम्बेडेड रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप और एंटीना शामिल है, जो सुरक्षा को बढ़ाने, पहचान धोखाधड़ी को रोकने और भारतीय नागरिकों के लिए आव्रजन प्रक्रिया को तेज करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।ई-पासपोर्ट पहल, जो 1 अप्रैल 2024 को पायलट के रूप में शुरू हुई थी, वर्तमान में 13 शहरों में कार्यरत है, जिनमें नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत, रांची और दिल्ली शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि 22 मार्च 2025 तक तमिलनाडु में ही 20,700 से अधिक ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं, और 2025 के मध्य तक पूरे देश में इसका विस्तार होने की उम्मीद है।
ई-पासपोर्ट की प्रमुख विशेषताएंनए:
- ई-पासपोर्ट में पारंपरिक पासपोर्ट बुकलेट के साथ उन्नत इलेक्ट्रॉनिक सुविधाएं शामिल हैं।
- पीछे के कवर में एम्बेडेड RFID चिप पासपोर्ट धारक के व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहीत करता है, जिसमें उनका नाम, जन्म तिथि, पासपोर्ट नंबर, फोटोग्राफ और फिंगरप्रिंट शामिल हैं।
- एंटीना आव्रजन ई-गेट्स पर कॉन्टैक्टलेस स्कैनिंग को सक्षम बनाता है, जिससे तेज और स्वचालित पहचान सत्यापन संभव होता है। सामने के कवर पर एक विशिष्ट सोने के रंग का प्रतीक ई-पासपोर्ट को सामान्य पासपोर्ट से अलग करता है।
- चिप का डेटा मजबूत एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल, जैसे पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर (PKI), बेसिक एक्सेस कंट्रोल (BAC), और एक्सटेंडेड एक्सेस कंट्रोल (EAC) द्वारा संरक्षित है, जो छेड़छाड़, जालसाजी और अनधिकृत पहुंच को रोकता है।
- 64-किलोबाइट की चिप 30 अंतरराष्ट्रीय यात्राओं तक की जानकारी संग्रहीत कर सकती है, और भविष्य में आंखों की पुतली स्कैन जैसे अतिरिक्त बायोमेट्रिक डेटा को शामिल करने की योजना है। पासपोर्ट का उत्पादन नासिक में भारत सुरक्षा प्रेस में किया जा रहा है, जो मेक इन इंडिया पहल को समर्थन देता है।
यात्रियों के लिए लाभ:
- ई-पासपोर्ट कई लाभ प्रदान करता है:उन्नत सुरक्षा: चिप का बायोमेट्रिक डेटा और डिजिटल हस्ताक्षर जालसाजी और पहचान चोरी को लगभग असंभव बनाते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों के अनुरूप है।
- तेज आव्रजन प्रक्रिया: ई-गेट्स पर कॉन्टैक्टलेस स्कैनिंग से सीमा जांच चौकियों पर प्रतीक्षा समय कम होता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा सुगम होती है।वैश्विक अनुपालन: ई-पासपोर्ट विश्व भर में स्वचालित सीमा नियंत्रण प्रणालियों के साथ निर्बाध अंतरसंचालनीयता सुनिश्चित करता है, जिससे वैश्विक यात्रा पारिस्थितिकी तंत्र में भारत की विश्वसनीयता बढ़ती है।
- टिकाऊपन: चिप को गर्मी और नमी सहन करने के लिए बनाया गया है, जिससे पासपोर्ट अपनी 10 साल की वैधता अवधि तक कार्यशील रहता है।
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